दिल किसीका कभीभी दुखाया न जायें .........
दिल किसीका कभीभी दुखाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें
हो मोहोब्बत छुपीसी किनारो पे दिल के
पार दिलके कभीभी बहाया न जायें
दिल किसीका कभीभी दुखाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें
हो मोहोब्बत छुपीसी किनारो पे दिल के
पार दिलके कभीभी बहाया न जायें
दिल
किसीका कभीभी दुखाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें !!
राह जो ये मोहोब्बत की आसां नहीं
हर कोई जानता इसकी भाषा नहीं
हो अगर जानने वाला हाल-मोहोब्बत
राज दिलका फिर उससे छुपाया न जायें
दिल किसीका कभीभी दुखाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें !!
साथ गर जिंदगी में किसीका मिले
हात गर सामने कोई आकर बढे
हो रही हो मुकम्मल अगर जिंदगी
प्यार ऐसा कोई फिर गवायाँ न जायें
दिल किसीका कभीभी दुखाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें
हो मोहोब्बत छुपीसी किनारो पे दिल के
पार दिलके कभीभी बहाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें !!
राह जो ये मोहोब्बत की आसां नहीं
हर कोई जानता इसकी भाषा नहीं
हो अगर जानने वाला हाल-मोहोब्बत
राज दिलका फिर उससे छुपाया न जायें
दिल किसीका कभीभी दुखाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें !!
साथ गर जिंदगी में किसीका मिले
हात गर सामने कोई आकर बढे
हो रही हो मुकम्मल अगर जिंदगी
प्यार ऐसा कोई फिर गवायाँ न जायें
दिल किसीका कभीभी दुखाया न जायें
जख्म दिलका किसीको दिखाया न जायें
हो मोहोब्बत छुपीसी किनारो पे दिल के
पार दिलके कभीभी बहाया न जायें
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी
- ९९७५९९५४५०
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नशीला
है सागर .........
नशीला है सागर ये आंखे जो तेरी
डूब जाऊ मैं उनमें जी चाहता है
लबों की वो प्यारी सी मुस्कान तेरी
तेरे साथ हसने को जी चाहता है
नशीला है सागर ......
है कैसा सितम दूर जाने हो तुम क्यों
भर लू बाहों में तुमको जी चाहता है
सजी शाम है देखो मैफिल भरी ये
तेरे साथ गाने को जी चाहता है
नशीला है सागर .......
ये जुल्फे तेरी हो जैसे बहती हवा
तेरे साथ उड़ने को जी चाहता है
नही हो रहा अब सबर मेरे दिल से
बात दिलकी सुनाने जी चाहता है
नशीला है सागर .........
बहोत है हसीं इस जमाने मे लेकिन
साथ पाने को तेरा ही जी चाहता है
ये दौलत ये शौहरत भले दे न पाऊ
मगर साथ जीने को जी चाहता है
नशीला है सागर ये आंखे जो तेरी
डूब जाने को उनमें जी चाहता है
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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अश्क बहाये मैने तुमने .........
अश्क बहाये मैने तुमने
इश्क कितना हमको सताये
चाहत कैसी हम दोनो की
क्यू तडपाये इतना रुलाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
सारी उमर का साथ नही ये
दर्द जुदाई दिल घबराये
चंद दिनो की कडवी सच्चाई
जिने ना दे मर भी ना पाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
कल तू होगी और किसी की
सपने मेरे सब तूट जाये
होगी अधुरी ये कहानी अपनी
वजुद इसका ना रह पाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
आज भर का साथ है अपना
आगे जुदाई की राह बुलाये
जी लुं मै भी अब मन भर के
कल क्या जाने क्या हो जाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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आ सनम .........
दीदार करू इकरार करू
आ सनम तुझे प्यार करू
दूर खड़ी क्यू तनहा इतनी
आ तेरी तनहाई दूर करू
आ सनम .......................
न हो फासले दरमियाँ कोई
ऐसे तुझे मै बेकरार करू
भूल जाये तू दुनिया सारी
तुझपर कुछ जादू करू
आ सनम .......................
दूर रहकर तरसाती तरसती
ख्वाहिशे तेरी पुरी करू
है खफा तू बेवजह जाने क्यू
शिकायत तेरी दूर करू
आ सनम .......................
हो जाये मुकम्मल मंजिले
कोशिश ये दिन रात करू
तेरी बाहो में सुकून मिले है
आ तुझे मै बाहो में भरू
आ सनम .......................
दीदार करू इकरार करू
आ सनम तुझे मै प्यार करू
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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कान्हा ना रंगयो .........
रंगभरी पिचकारी कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
तोहे न कोई लाज लज्जा रे कान्हा
गोपियन के पीछे तू क्यू भागत है
मैया यशोदा तेरा लाडला मोहे छेडत है
मै कैसे बचाउ मेरी लाल चुनरिया
मै कैसे बचाउ मेरी लाल चुनरिया कान्हा मोहे छेडत है
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ……….……….
किधर मै जाऊ अपनी लाल चुनर बचाऊ
आज कान्हा न मानत है रंग लेके भागत है
कोई तो रोकलो मै ने अभी रंग निकाले है
अब न करू मै बात इससे कभी
अब न करू मै बात इससे कभी कान्हा मोहे छेड़त है
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ……….……….
हर होली यही शरारत राधा कान्हा की मूरत
जाए कहा गोपिया रंगो से सजा वृंदावन
रंग जरा खेलु मै भी काहे कान्हा रोवत है
अब ऐसे क्यू रूठा वो मुझसे
अब ऐसे क्यू रूठा वो मुझसे कान्हा क्यू न मोहे छेड़त है
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ……….……….
रंगभरी पिचकारी कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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बोल सजनी .........
नयन तेरे क्यू भिगे भिगे
बोल जरा सजनी
क्या है तेरे मनके अंदर
राज वो सारे खोल
बोल सजनी सजनी सजनी
कुछ तो अब तू बोल
दर्द समंदर पिनेसे अच्छा
दर्द तू अपने खोल
रोती हुई तू जचती नही है
बीत गया वो भूल
बोल जरासी मुझसे अपने
दिलके भेद तू खोल
बोल सजनी सजनी ------
पता है तेरे मन मंदिरमे कुछ
उठ रहा है शोर
हसते खेलते इस जीवनमे
जहर अब न घोल
बोल सजनी सजनी ------
क्या हुवा गर सितम कर गई
जिंदगी हर रोज
रो मत पगली संभल तू खुदको
हसके अब तू बोल
बोल सजनी सजनी सजनी
कुछ तो अब तू बोल
दर्द समंदर पिनेसे अच्छा
दर्द तू अपने खोल
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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आदत लगा दूंगा .........
तुझे मै अपनी आदत कुछ ऐसे लगा दूंगा
सपनोमे तेरे खुदको कुछ ऐसे बसा दूंगा
भुलना चाहेभी तू अगर कभी मुझको
तेरे यादो मे आकर मै तुझको रूला दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
हर लमहा याद मुझको तू मेरे बाद करेगी
सोचेगी मिलनेकी मुझसे फरियाद करेगी
तू ना रह पायेगी मेरे बिन ऐ सनम
इतना ज्यादा मै तुझको मेरा प्यार दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
मेरे बिन तू कभी सांसभी ना ले सकेगी
जागेगी सोयेगी तू मुझेही याद करेगी
जिस्मसे रुह तक तू ऐसे आह भरेंगी
इस कदर मै तुझको दिवाना बना दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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भारत मेरा सबसे प्यारा .........
मेरा भारत है सबसे प्यारा मेरा भारत है सबसे न्यारा
मेरे देश के जैसी बात कहा मेरे देश के जैसी शान कहा
मेरा भारत है सबसे प्यारा ........
यहा हिंदु भी है यहा मुस्लीम भी
यहा सीख भी है यहा क्रिश्चन भी
मेरे देशकी जो एकता है
सब जाती धर्मके लोग यहा
मेरे देशमे है सारा जहा
इसकी निशानी और कहा
भारत मेरा सबसे प्यारा -------------
विरोने दिलाई आजादी
उसका हमे अभीमान है
कट जाये सर पर झुकना पाये
हमे कसम है उन बलिदानों की
लहराये तिरंगा शानसे
देते है वचन दिल-जानसे
भारत मेरा सबसे प्यारा -------------
यहा दौर चाहे जीतना बदले
इतीहास गवाही देता है
कटने को सर तैयार सदा
इस मिट्टीकी ये शान है
कितनी भी करलो कोशिशे
तुटेगा ना कभी ये हौसला
भारत मेरा सबसे प्यारा -------------
भारत मेरा सबसे प्यारा
भारत मेरा सबसे न्यारा
मेरे देश जैसी बात कहा
मेरे देश जैसी शान कहा
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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नशीला है सागर ये आंखे जो तेरी
डूब जाऊ मैं उनमें जी चाहता है
लबों की वो प्यारी सी मुस्कान तेरी
तेरे साथ हसने को जी चाहता है
नशीला है सागर ......
है कैसा सितम दूर जाने हो तुम क्यों
भर लू बाहों में तुमको जी चाहता है
सजी शाम है देखो मैफिल भरी ये
तेरे साथ गाने को जी चाहता है
नशीला है सागर .......
ये जुल्फे तेरी हो जैसे बहती हवा
तेरे साथ उड़ने को जी चाहता है
नही हो रहा अब सबर मेरे दिल से
बात दिलकी सुनाने जी चाहता है
नशीला है सागर .........
बहोत है हसीं इस जमाने मे लेकिन
साथ पाने को तेरा ही जी चाहता है
ये दौलत ये शौहरत भले दे न पाऊ
मगर साथ जीने को जी चाहता है
नशीला है सागर ये आंखे जो तेरी
डूब जाने को उनमें जी चाहता है
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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अश्क बहाये मैने तुमने .........
अश्क बहाये मैने तुमने
इश्क कितना हमको सताये
चाहत कैसी हम दोनो की
क्यू तडपाये इतना रुलाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
सारी उमर का साथ नही ये
दर्द जुदाई दिल घबराये
चंद दिनो की कडवी सच्चाई
जिने ना दे मर भी ना पाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
कल तू होगी और किसी की
सपने मेरे सब तूट जाये
होगी अधुरी ये कहानी अपनी
वजुद इसका ना रह पाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
आज भर का साथ है अपना
आगे जुदाई की राह बुलाये
जी लुं मै भी अब मन भर के
कल क्या जाने क्या हो जाये
अश्क बहाये मैने तुमने !!
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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आ सनम .........
दीदार करू इकरार करू
आ सनम तुझे प्यार करू
दूर खड़ी क्यू तनहा इतनी
आ तेरी तनहाई दूर करू
आ सनम .......................
न हो फासले दरमियाँ कोई
ऐसे तुझे मै बेकरार करू
भूल जाये तू दुनिया सारी
तुझपर कुछ जादू करू
आ सनम .......................
दूर रहकर तरसाती तरसती
ख्वाहिशे तेरी पुरी करू
है खफा तू बेवजह जाने क्यू
शिकायत तेरी दूर करू
आ सनम .......................
हो जाये मुकम्मल मंजिले
कोशिश ये दिन रात करू
तेरी बाहो में सुकून मिले है
आ तुझे मै बाहो में भरू
आ सनम .......................
दीदार करू इकरार करू
आ सनम तुझे मै प्यार करू
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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कान्हा ना रंगयो .........
रंगभरी पिचकारी कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
तोहे न कोई लाज लज्जा रे कान्हा
गोपियन के पीछे तू क्यू भागत है
मैया यशोदा तेरा लाडला मोहे छेडत है
मै कैसे बचाउ मेरी लाल चुनरिया
मै कैसे बचाउ मेरी लाल चुनरिया कान्हा मोहे छेडत है
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ……….……….
किधर मै जाऊ अपनी लाल चुनर बचाऊ
आज कान्हा न मानत है रंग लेके भागत है
कोई तो रोकलो मै ने अभी रंग निकाले है
अब न करू मै बात इससे कभी
अब न करू मै बात इससे कभी कान्हा मोहे छेड़त है
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ……….……….
हर होली यही शरारत राधा कान्हा की मूरत
जाए कहा गोपिया रंगो से सजा वृंदावन
रंग जरा खेलु मै भी काहे कान्हा रोवत है
अब ऐसे क्यू रूठा वो मुझसे
अब ऐसे क्यू रूठा वो मुझसे कान्हा क्यू न मोहे छेड़त है
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ……….……….
रंगभरी पिचकारी कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
मेरी चुनर ना रंगयो कान्हा ना रंगयो मोहे ना रंगयो
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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बोल सजनी .........
नयन तेरे क्यू भिगे भिगे
बोल जरा सजनी
क्या है तेरे मनके अंदर
राज वो सारे खोल
बोल सजनी सजनी सजनी
कुछ तो अब तू बोल
दर्द समंदर पिनेसे अच्छा
दर्द तू अपने खोल
रोती हुई तू जचती नही है
बीत गया वो भूल
बोल जरासी मुझसे अपने
दिलके भेद तू खोल
बोल सजनी सजनी ------
पता है तेरे मन मंदिरमे कुछ
उठ रहा है शोर
हसते खेलते इस जीवनमे
जहर अब न घोल
बोल सजनी सजनी ------
क्या हुवा गर सितम कर गई
जिंदगी हर रोज
रो मत पगली संभल तू खुदको
हसके अब तू बोल
बोल सजनी सजनी सजनी
कुछ तो अब तू बोल
दर्द समंदर पिनेसे अच्छा
दर्द तू अपने खोल
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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आदत लगा दूंगा .........
तुझे मै अपनी आदत कुछ ऐसे लगा दूंगा
सपनोमे तेरे खुदको कुछ ऐसे बसा दूंगा
भुलना चाहेभी तू अगर कभी मुझको
तेरे यादो मे आकर मै तुझको रूला दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
हर लमहा याद मुझको तू मेरे बाद करेगी
सोचेगी मिलनेकी मुझसे फरियाद करेगी
तू ना रह पायेगी मेरे बिन ऐ सनम
इतना ज्यादा मै तुझको मेरा प्यार दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
मेरे बिन तू कभी सांसभी ना ले सकेगी
जागेगी सोयेगी तू मुझेही याद करेगी
जिस्मसे रुह तक तू ऐसे आह भरेंगी
इस कदर मै तुझको दिवाना बना दूंगा
तुझे मै अपनी आदत ......
----------------//**--
✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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भारत मेरा सबसे प्यारा .........
मेरा भारत है सबसे प्यारा मेरा भारत है सबसे न्यारा
मेरे देश के जैसी बात कहा मेरे देश के जैसी शान कहा
मेरा भारत है सबसे प्यारा ........
यहा हिंदु भी है यहा मुस्लीम भी
यहा सीख भी है यहा क्रिश्चन भी
मेरे देशकी जो एकता है
सब जाती धर्मके लोग यहा
मेरे देशमे है सारा जहा
इसकी निशानी और कहा
भारत मेरा सबसे प्यारा -------------
विरोने दिलाई आजादी
उसका हमे अभीमान है
कट जाये सर पर झुकना पाये
हमे कसम है उन बलिदानों की
लहराये तिरंगा शानसे
देते है वचन दिल-जानसे
भारत मेरा सबसे प्यारा -------------
यहा दौर चाहे जीतना बदले
इतीहास गवाही देता है
कटने को सर तैयार सदा
इस मिट्टीकी ये शान है
कितनी भी करलो कोशिशे
तुटेगा ना कभी ये हौसला
भारत मेरा सबसे प्यारा -------------
भारत मेरा सबसे प्यारा
भारत मेरा सबसे न्यारा
मेरे देश जैसी बात कहा
मेरे देश जैसी शान कहा
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✒ शशिकांत शांडिले, नागपूर
भ्रमनध्वनी - ९९७५९९५४५०
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